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देखा एक ख्वाब था
होगा जब वह पूरा
तो सोचा था
बहुत होंगे खुश हम |
हो गया वह पूरा
देख भी लिया, ख्वाब दूसरा
सोचा यह होगा पूरा
तो बहुत होंगे खुश हम |
समझ भी न आया कब हुआ वह पूरा
की हम लगे थे नये ख्वाब के पीछे
सोचके की यह होगा पूरा
तो जरूर होंगे खुश हम |
भागते हुए ख्वाबोंके पीछे
समझे नहीं हम
की कभी बन नहीं सकते खुश हम
बस हो सकते हे खुश हम |
बाद उसके देखे तो बहुत ख्वाब
पर ख़ुशी का इंतजार न किया
क्योंकि बनने की फ़िराक छोड़
जीने लगे खुश हम |