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Image Credit: NY TImes
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देखा एक ख्वाब था

होगा जब वह पूरा

तो सोचा था

बहुत होंगे खुश हम |


हो गया वह पूरा

देख भी लिया, ख्वाब दूसरा

सोचा यह होगा पूरा

तो बहुत होंगे खुश हम |


समझ भी न आया कब हुआ वह पूरा

की हम लगे थे नये ख्वाब के पीछे

सोचके की यह होगा पूरा

तो जरूर होंगे खुश हम |


भागते हुए ख्वाबोंके पीछे

समझे नहीं हम

की कभी बन नहीं सकते खुश हम

बस हो सकते हे खुश हम |


बाद उसके देखे तो बहुत ख्वाब

पर ख़ुशी का इंतजार न किया

क्योंकि बनने की फ़िराक छोड़

जीने लगे खुश हम |

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Nilesh Injulkar


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Injulkar Nilesh

Code. Read. Trek.

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